शिक्षा, मानव संसाधन विकास का मूल है जो देश की सामाजिक-आर्थिक बनावट को संतुलित करने में महत्वपूर्ण और सहायक भूमिका निभाती है बेहतर गुणवत्ता का जीवन प्राप्त करने के लिए एवं अच्छा नागरिक बनने के लिए बच्चों का चहुँमुखी विकास जरूरी है। शिक्षा की एक मजबूत नींव के निर्माण से इसे प्राप्त किया जा सकता है। इस मिशन के अनुसरण में, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एम.एच.आर.डी.) दो विभागों के माध्यम से काम करता है स्कूली शिक्षा और साक्षरता उच्च शिक्षा विभाग जहाँ विद्यालय शिक्षा और साक्षरता विभाग देश में स्कूली शिक्षा के विकास के लिए जिम्मेदार है, वहीं उच्च शिक्षा विभाग, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी उच्च शिक्षा व्यवस्था में से एक की देखभाल करता है। एम.एच.आर.डी. अपने संगठनों जैसे एन.सी.ई.आर.टी, एन.आई.ई.पी.ए. एन.आई.ओ.एस., एन.सी.टी.ई. आदि के साथ मिलकर काम कर रहा है। हालाँकि एम.एच.आर.डी. का दायरा बहुत व्यापक है, यह मॉड्यूल डी.ओ.एस.ई.एल. द्वारा सार्वभौमिक शिक्षा और इसकी गुणवत्ता में सुधार की दिशा में हाल में किए गए प्रयासों पर केंद्रित है। अधिगम के उद्देश्य इस मॉड्यूल के अध्यय
BASIC TEACHERS, EDUCATION AND TEACHING