प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा परिषदीय विद्यालयों को निपुण बनाने के लिए चल रही कवायद को गति देने के लिए प्रदेश सरकार अब संविदा पर जिला समन्वयक (निपुण भारत मिशन) तैनात करेगी। हर जिले में एक समन्वयक की तैनाती की जाएगी। इनकी उम्र 21 से 45 साल के बीच होगी। इनको 40 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।
प्रदेश में अब तक की कवायद के तहत 48061 विद्यालयों को निपुण घोषित किया जा चुका है। जबकि प्रदेश में 1.33 लाख विद्यालय हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से संशोधित लक्ष्य के अनुसार अब सिर्फ कक्षा एक व दो के बच्चों को निपुण बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसको पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएटस के तहत अस्थाई रूप से जिला समन्वयक तैनात किए जाएंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर जारी आदेश में कहा गया है कि इसके लिए शैक्षिक योग्यता एमबीए 60 फीसदी अंक के पास या पीजीडीएम में मास्टर डिग्री होना चाहिए। किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से एक साल का कंप्यूटर डिप्लोमा के साथ काम करने का दो साल का अनुभव होना चाहिए। बीएड व एमएड वालों को वरीयता दी जाएगी।
उन्होंने कहा है कि समग्र शिक्षा के तहत संविदा पर इनकी तैनाती के लिए डीएम की ओर से तैनात पांच सदस्यीय समिति आवेदकों के अभिलेखों का सत्यापन करेगी। इनकी दक्षता की जांच की जाएगी।
वहीं जिला शिक्षा परियोजना समिति की अध्यक्षता में जेम पोर्टल के माध्यम से शासनादेश के अनुसार इनकी चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस कवायद का असर ज्यादा से ज्यादा विद्यालयों को निपुण बनाने में मिलेगा।
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