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जल्द होने वाले हैं शिक्षकों के ट्रांसफर, इस वजह से सरकार ने लिया फैसला

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सरकारी स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों के अनुपात को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शासन स्तर से जिन प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हैं और वहां शिक्षक ज्यादा हैं, ऐसे में वहां से शिक्षकों को हटाते हुए अधिक बच्चों वाले स्कूलों में भेजा जाएगा।  इस संबंध में छात्र संख्या के आधार पर मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों और बच्चों का ब्योरा दुरुस्त करने के आदेश दिए गए हैं। जिससे पोर्टल से ही शिक्षकों के एक स्कूल से दूसरे स्कूल में स्थानांतरण किया जा सकें। कहीं 25 छात्र पर 4 टीचर, कहीं 200 पर 1 गौतमबुद्ध नगर में 511 सरकारी स्कूल है, जिसमें एक लाख के करीब बच्चे पढ़ाई कर रहे है। सरकारी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है। हर जनपद में काफी संख्या में स्कूल हैं, जहां पर शिक्षकों और बच्चों का अनुपात बराबर नहीं है। कई स्कूलों में बच्चों की संख्या 25 से 30 है और शिक्षकों की संख्या 4 से 5 है। इसके बीच कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां बच्चों की संख्या 200 से 300 है और शिक्षकों की संख्या एक या दो है। विभाग का प्रयास है कि इस अनुपात में सुधार किया जाए। बेसिक शिक्षा अधिकार

विद्यालय अवधि में किसी अन्य गतिविधि में नहीं होंगे शामिल होंगे शिक्षक, सत्र में चार बार छात्र- छात्राओं का किया जाएगा मूल्यांकन

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लखनऊ:  बेसिक शिक्षा विभाग ने पहली बार अपने यहां भी शैक्षिक कैलेंडर जारी किया है। विभाग ने इसमें हर महीने पाठ्यक्रम को बांटकर पढ़ाई कराने, चार बार छात्रों के मूल्यांकन कराने, अलग अलग गतिविधियों व खेलकूद के आयोजन के लिए समय निर्धारित किया है। साथ ही यह भी कहा है कि प्रार्थना सभा में सभी शिक्षक उपस्थित रहेंगे और बच्चों के साथ प्रतिदिन अपनी फोटो लेंगे। अभी तक माध्यमिक शिक्षा विभाग ही अपने यहां शैक्षिक कैलेंडर जारी करता था। इस बार बेसिक शिक्षा विभाग ने कैलेंडर जारी कर पठन-पाठन के साथ साथ छात्रों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया है। इसमें तय किया गया है कि सभी शिक्षक प्रार्थना सभा में शामिल होंगे। प्रधानाध्यापक बच्चों के साथ प्रार्थना स्थल की फोटो प्रतिदिन लेंगे। इसे खंड शिक्षा अधिकारी को भेजेंगे और टैबलेट में सुरक्षित रखेंगे। विभाग ने हर महीने का पाठ्यक्रम निर्धारित करते हुए उसी महीने में अनिवार्य रूप से पूरा करने को कहा है। महापुरुषों के जन्मदिन पर उनके योगदान पर प्रार्थना सभा के बाद चर्चा की जाएगी। साथ ही निबंध, पोस्टर व वाद-विवाद प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। विद्यार्थियों का स