समुदाय को विद्यालय से कैसे जोड़ें?
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है जिससे हमारे बहुत से विद्यालयों को जूझना पड़ता है। लगातार सरकारी/विभागीय निर्देशों और एस०एम०सी0 के गठन के बावजूद हममें से अधिकांश शिक्षक अभी भी अपने विद्यालयों से समुदाय को अपेक्षानुरूप नहीं जोड़ पा रहे हैं। इस मुद्दे की पड़ताल पर जाने से पूर्व सबसे पहले हम यह विचार करें कि हमने पिछले छह महीने में कब-कब और किस उद्देश्य से समुदाय के लोगों को स्कूल में बुलाया था या उनसे मुलाकात की थी। हम पाएँगे कि यह मुलाकातें या निमंत्रण बहुत सीमित मात्रा में तथा औपचारिक ही ज्यादा थे। समुदाय के व्यक्तित्व किन्हीं राष्ट्रीय पर्वों या सभाओं में विद्यालय आए भी तो उनकी भूमिका कार्यक्रम में मूक दर्शक की तरह बैठे रहना भर ही रही। स्वाभाविक है कि खाली बैठे रहने (निरुददेश्य) की भूमिका में स्वयं को पाकर समुदाय का व्यक्ति हमारे पास आखिर क्यों और कब तक आता जाता रहेगा ? आज हम सभी का जीवन विभिन्न प्रकार की व्यस्तताओं से भरा है और समुदाय के हर व्यक्ति । सबकी कमोबेश यही स्थिति है। समय नहीं मिल पाया आज के दौर का ऐसा वाक्य है कि जिसे हर तीसरा व्यक्ति कहता मिल जाता है। स्वाभाविक भी है