वर्ल्ड क्लास कैसे होगी हायर एजुकेशन?

 एजुकेशन समिट 2020 के कॉलेज कॉलिंग सेशन में डीयू के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर दिनेश सिंह, जेएनयू के वाइस चांसलर


प्रोफेसर एम जगदीश कुमार और आईआईटी दिलनाली के डायरेक्टर प्रो वी रामगोपाल राव जुड़े।

  हॉयर एजुकेशन से जुड़े मुद्दों पर विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी और बताया कि कितने जरूरी बदलाव लंबे समय से रुके हुए थे, जो छात्रों के हित के लिए अब किए जाएंगे।

 प्रोफेसर दिनेश सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि 4 साल का कोर्सर्स छात्रों के लिए बहुत सुविधाजनक होगा।

  छात्र 1 साल का कोर्स कर सर्टिफिकेट, 2 साल के बाद डिप्लोमा और तीन साल पूरे करके डिग्री ले जाएगा और जब चाहें कोर्स से एग्जिट ले जाएगा।  

इससे छात्रों को फ्लेक्सिबिलिटी और फ्रीडम दोनों मिलेंगे।  इससे छात्रों को अपनी पसंद के सब्नजेक्ट पर फोकस करने में आसानी होगी। 

 पूरे कोर्स के दौरान छात्र अपने बारे में कहते हैं कि एग्जिट लेने के लिए स्वतंत्र रूप से वे यह खुद तय कर लेंगे कि वे कब नौकरी करना चाहते हैं या किसी सबजेट पर रिसर्च करना चाहते हैं।  उनहोनें देश को उत्तरलेज इकॉनमी बनाने की बात भी कही।

 जेएनयू के वीसी प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि हॉयर एजुकेशन में दाखिले लेने वाले छात्र अपने बड़े लक्ष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए पढ़ाई कर रहे होंगे जबकि उन्‍हें आज़ादी मिलेगी कि वे सर्टिफिकेट, डिप्‍लोमा या डिग्री में से पढ़ाई करना चाहते हैं।

  IIT दिलनली के डायरेक्टर प्रो वी रामगोपाल राव ने माना कि जरूरी बदलाव लंबे समय से रुके हुए थे।

  राजनीतिक कारणों से देश की शिक्षा व्यवस्थाओं में जरूरी बदलाव नहीं हुए हैं लेकिन अब इसमें बुनियादी सुधार हो रहे हैं।

 उन्होंने कहा कि वे अलग अलग रुचियां रखने वाले छात्रों को एक साथ लाने के बड़े पक्षधर हैं।

  वे मानते हैं कि अलग-अलग सब्नजेक्ट्स में स्‍पेसिफिकेशन रखने वाले छात्र एक साथ एक पेपर में पढ़ाई करते हैं। 

 ऐसा भी देखा जा सकता है कि AIIMS में तकनीकी शिक्षा शिक्षा के शिक्षादंत हों या IIT में मेडिकल शट्रीम के पाठटूडेंट्स हों या पाठय में AIIMS और IIT का इंटिग्रेशन भी देखने को मिल सकता है।

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