Pre Primary CTET News : बाल वाटिका शिक्षक बनने के लिए अलग से CTET कराएगा सीबीएसई बोर्ड, एनसीटीई तैयार कर रहा प्रारूप

 केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी कि सीटेट की न्यूनतम जानकारी सामने आ रही है जिसके मुताबिक नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंदर सीटेट परीक्षा में एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है इस बदलाव के मुताबिक सीटेट परीक्षा का आयोजन अब 2 नहीं बल्कि पूरे 4 स्तरों पर कराया जाएगा जिसका प्रारूप तैयार हो रहा है


 अब प्री प्राइमरी शिक्षकों के लिए सीटेट की परीक्षा को आयोजित करने के लिए अलग लेवल निर्धारित किए जाएंगे यह खबर सूत्रों के मुताबिक पता चली है और अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का पूरा संचालन पूर्ण रूप से बदल जाएगा तो चलिए जानते हैं क्या है यह बदलाव और इसकी पूरी रिपोर्ट।

एनसीटीई कर रही सीटेट परीक्षा में बड़ा बदलाव

सीटेट परीक्षा में बदलाव को लेकर एक बड़ा विषय बना हुआ है और सीटेट अपनी शुरुआत से ही अभी तक सबसे बड़े बदलाव की कगार पर पहुंच चुका है हालांकि एनसीटीई और सीबीएसई दोनों ने मिलकर इस खबर की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है परंतु विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक सीटेट अब दो स्टार की बजाय पूरे चार स्तरों पर किया जाएगा और इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है इस नए प्रारूप के चलते प्राइमरी लेवल से पहले प्री प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए भी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा कराई जाने को लेकर चर्चा जोरों से चल रही है।

एनसीटीई अधिनियम 2025 से होंगे बड़े बदलाव

मीडिया रिपोर्ट्स का मानना है की केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा 2025 आगामी एनसीटीई अधिनियम के प्रभाव से कई विभिन्न लेवल पर पुनर्गठित होगी और ऐसे में अगर इसे लागू किया जाता है तो शिक्षकों की पूरी प्रक्रिया ही चेंज हो जाएगी सीटेट परीक्षा में इस बड़े बदलाव की तैयारी एनसीटीई और सीबीएसई के जरिए संयुक्त रूप से की जा रही है जहां पहले दो लेवल पर परीक्षा आयोजित होती थी अब इसे बदलकर सीनियर लेवल से लेकर प्री प्राइमरी लेवल तक बढ़ा दिया गया है अब प्री प्राइमरी में शिक्षकों के लिए भी सीटेट परीक्षा आयोजित कराए जाने की तैयारी चल रही है जिसे सीबीएसई के द्वारा संपन्न किया जाएगा।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 में बाल वाटिका को महत्व

NEP 2020 में बाल वाटिका को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिसमें तीन से 6 साल तक के बच्चे शामिल हैं इन बच्चों को लेकर एनसीटीई एक बड़ा बदलाव करने जा रही है और अब प्री प्राइमरी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने को लेकर प्रारूप जारी किया गया है बता दे सीटेट परीक्षा में अब पूरे 4 लेवल निर्धारित हुए हैं जिसकी तैयारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीबीएसई द्वारा प्री प्राइमरी प्राइमरी अपर प्राइमरी और सीनियर सेकेंडरी शिक्षकों के लिए भी अब सीटेट परीक्षा का आयोजन होगा।

स्टेट परीक्षा में यह बड़ा बदलाव क्यों?

सीटेट परीक्षा में है बड़ा बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और उसे सुधारने के लिए सीबीएसई तथा एनसीटीई के द्वारा किया जा रहा है अब परीक्षा को चार स्तरों में विभाजित करके शिक्षकों की भूमिका के साथ अधिक सटीक रूप से संरक्षित करने विशेष रूप से उच्च कक्षाओं के लिए और प्रारंभिक बाल्यावस्था प्राथमिक उच्च प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों में बच्चों की शिक्षा के लिए विभिन्न प्रमाण पत्र देकर अध्यापकों की भूमिका को और ज्यादा विशेष बनाना है।


प्री प्राइमरी शिक्षा बनेगी बच्चों की बुनियाद


2020 की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में प्री प्राइमरी शिक्षा को शिक्षा की बुनियाद माना गया है जिस पर विभागों द्वारा विशेष जोर दिया जा रहा है प्री प्राइमरी शिक्षा को लेकर खास तौर पर बड़े बदलाव किए जा रहे हैं और विभिन्न बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं ऐसे में शिक्षक पात्रता परीक्षा अब प्री प्राइमरी शिक्षकों को भी देनी पड़ सकती है अगर नए प्रारूप को मंजूरी मिलती है तो सीटेट परीक्षा चार भागों में आयोजित की जाएगी परंतु अभी तक एनसीटीई और सीबीएसई द्वारा इस मामले की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।


UP ECCE Educator News : यूपी में प्री प्राइमरी एजुकेटर बनने का मौका! पूरे 20,000 संविदा एजुकेटर्स की बाल वाटिका में होगी तैनाती

उत्तर प्रदेश राज्य में प्री प्राइमरी स्कूलों की शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है अब बाल वाटिका स्कूलों में तकरीबन 20000 नए संविदा शिक्षकों की भर्ती की जा रही है यह नियुक्ति योजना 2025 सत्र के अंदर-अंदर शुरू कि जाएगी इस भीम के चलते युवाओं को एक नया और सुनहरा अवसर मिलने वाला है मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई जिलों में इस प्रक्रिया की शुरुआत वह भी चुकी है तो चलिए जानते हैं संविदा एजुकेटर की प्रक्रिया के बारे में संपूर्ण जानकारी।

बाल वाटिकाओं में क्यों लगेंगे ईसीसी एजुकेटर

उत्तर प्रदेश में पड़े खाली प्राथमिक स्कूलों का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए इन भवनों में बाल वाटिकाएं खोली जा रही है दिन में तीन साल से लेकर 6 साल तक के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा दी जाएगी और सरकार ने पुराने प्री प्राइमरी स्कूलों का समीपस्थ स्कूलों में ब्लैक कर खाली स्थान को बाल वाटिका बनाने का बड़ा निर्णय लिया है अब इन खाली भावनाओं को बच्चे पढ़ने के काम में लिया जाएगा यहां पर पढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं और इन नए नियुक्त किया जा रहे ECCE एजुकेटरों की तैनाती की जाएगी ।

विभिन्न चरणों में होगी पूरे 20000 एजुकेटर की नियुक्ति

इस प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न चरणों में संविदा एजुकेटर की नियुक्ति की जाएगी जिसके लिए पूरे दो चरण निर्धारित किए गए हैं इसके पहले चरण में 10000 एजुकेटर तैनात किए जाएंगे और दूसरे चरण में लगभग 8800 पदों पर एजुकेटरों की तैनाती की जाएगी इस पूरी प्रक्रिया को सेवायोजन पोर्टल पर चयनित एजेंसी के द्वारा पूरा किया जाएगा और एक्सपर्ट्स के अनुसार जिलों को टारगेट प्रदान किया जा चुका है और स्थानीय स्तर पर आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू किए जाने की संभावना है।






वेतन और योग्यता की संपूर्ण जानकारी

ECCE एजुकेटर के पदों के लिए सिर्फ वही छात्र आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने अपनी कक्षा 12वीं किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से पास की है और गृह विज्ञान में स्नातक डिग्री कम से कम 50% अंकों से हासिल की है इसके साथ ही एनटीटी नर्सरी टीचर ट्रेनिंग पास होना भी उम्मीदवार का बेहद जरूरी है हालांकि महिला और पुरुष दोनों ही इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं और उनके वेतन की बात करें तो चयनित हुए एजुकेटरों को तकरीबन 10313 रुपए हर महीने मंडे दिया जाएगा और शुरुआत में यह नियुक्ति 11 महीने के संविदा आधार पर की जाएगी जिसे आगे प्रदर्शन के आधार पर बढ़ाया भी जा सकता है।

UP Pre Primary ECCE Educator : आंगनबाड़ी प्री प्राइमरी स्कूलों के लिए ECCE संविदा शिक्षक बनने का सुनहरा अवसर

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्री प्राइमरी शिक्षा को नई शिक्षा दिए जाने की कोशिश किया जा रहा है। उसी क्रम में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन जितने भी संचालित प्राथमिक को उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं यहां पर लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़ रहे 5 से 6 वर्ष तक के बच्चों हेतु प्रारंभिक शिक्षा व अधिक मजबूती बनाने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी ECCE एजुकेटर तैनात किया जाने का निर्णय लिया गया है। 


जिसके लिए विभाग के द्वारा अधिसूचना जारी कर दिया गया है। अगर आप उत्तर प्रदेश आंगनबाड़ी प्री प्राइमरी एजुकेटर बनकर करियर की नई दिशा देखना चाह रहे हैं तो यह आपके लिए बढ़िया अवसर है।

आंगनबाड़ी प्री प्राइमरी हेतु ECCE एजुकेटर बनने का सुनहरा अवसर

उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के लिए यह आयोजित किया जा रहा है जो कि लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में संविदा पद ECCE शिक्षक रखे जाने का निर्णय शासन स्तर से लिया गया है। पहले चरण में 10000 से अधिक की बहाली की जाएगी। जिसकी प्रक्रिया चल रही है 8800 दूसरे चरण के लिए आंगनबाड़ी प्री प्राइमरी इक्वेटर रखा जाएगा।

 पहले चरण हेतु कई जिलों में प्रक्रिया पूरा कर लिया गया है। वहीं अभी बहुत से ऐसे जिले हैं जहां पर प्रक्रिया वर्तमान में जारी है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के चार जिलों में युवाओं से आवेदन आमंत्रित किया गया है ऐसे सभी उम्मीदवार जो कि आंगनवाड़ी प्री प्राइमरी एजुकेटर बनना चाह रहे हैं वह आवेदन कर पाएंगे।

आंगनबाड़ी प्री प्राइमरी हेतु यह है जरूरी पात्रता

उत्तर प्रदेश बाल वाटिका का प्री प्राइमरी एजुकेटर हेतु कुछ योग्यताओं का पूरा करना जरूरी है। जिसमें शैक्षणिक योग्यता के संबंध में बात कर लिया जाए तो वह विज्ञान के साथ ही स्नातक या फिर नर्सरी टीचर ट्रेनिंग का डिप्लोमा रखने वाले जो उम्मीदवार है वह सम्मिलित हो पाएंगे।

 इसके अतिरिक्त उम्र सीमा अधिकतम 40 वर्ष रखा गया है। अगर उम्मीदवारों के पास यह पात्रता है तो वह उत्तर प्रदेश के प्री प्राइमरी विद्यालय में ईसीसी एजुकेटर आसानी से बन सकते हैं।

कहां और किसको मिल पाएगा अवसर जानिए

आपको बता दिया जाता है उत्तर प्रदेश के कई जिलों में यह प्रक्रिया चल रही है इसी क्रम में यह भी बता दिया जाता है कि उत्तर प्रदेश के मऊ जिलों में विभाग के माध्यम से सूचना जारी कर दिया गया है। जिसमें 121 संविदा पर एजुकेटर रखा जाएगा। यहां 17 जुलाई अंतिम डेट रखा गया है। वहीं उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी संविदा एजुकेटर के लिए प्रक्रिया गतिमान है यह अंतिम तिथि भी आगे बढ़ा दिया गया है।

 वही शाहजहांपुर में ECCE एजुकेटर के तौर पर 168 युवाओं का तैनात किया जाने वाला है। यह 19 जुलाई आखिरी तारीख निर्धारित किया गया है। वहीं प्रतापगढ़ में भी 219 ECCE एजुकेटर तैनात किया जाएगा यहां भी अंतिम डेट 19 जुलाई 2025 तय किया गया है ऐसे सभी वह जो इस प्रक्रिया में सम्मिलित होना चाह रहे हैं बता देते हैं उत्तर प्रदेश के सेवायोजन पोर्टल पर अधिसूचना जारी किया जा चुका है और पोर्टल पर जाकर आवेदन कर पाएंगे।


20 मई से शुरू होंगी छुट्टियां, 16 जून को फिर से खुलेंगे स्कूल

उत्तर प्रदेश में झुलसा देने वाली गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच छात्रों और शिक्षकों को एक बड़ी राहत मिली है. प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है. यह फैसला उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (UPBEB) द्वारा प्रयागराज से जारी आदेश के तहत लिया गया है.


20 मई से शुरू होंगी छुट्टियां, 16 जून को फिर से खुलेंगे स्कूल

उत्तर प्रदेश के सभी परिषदीय, मान्यता प्राप्त और परिषद के अधीन संचालित स्कूलों में 20 मई 2025 से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी, जो पूरे 26 दिन तक, यानी 15 जून 2025 तक चलेंगी. इसके बाद स्कूल 16 जून से पुनः खुलेंगे और नया शैक्षणिक सत्र सामान्य रूप से आगे बढ़ेगा.

किस-किस स्कूल पर लागू होगा यह आदेश?

प्रयागराज से जारी आदेश के अनुसार, यह अवकाश आदेश उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले:

सभी सरकारी परिषदीय स्कूलों


सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों


परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों


पर पूरी तरह लागू होगा. इसका लाभ प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को मिलेगा.

निजी स्कूलों की छुट्टियों की स्थिति

सरकारी स्कूलों के अलावा, कई निजी विद्यालयों ने पहले ही गर्मी की छुट्टियां घोषित कर दी हैं. कुछ प्राइवेट स्कूलों ने 17 मई को अंतिम कक्षाएं कराकर अवकाश घोषित कर दिया है, जबकि कुछ में बच्चों को गर्मी को देखते हुए पहले ही छुट्टी दे दी गई है.

जून में सिर्फ एक सार्वजनिक अवकाश – बकरीद

जून 2025 में 7 जून को ईद-उल-अजहा (बकरीद) के अवसर पर प्रदेश भर में सार्वजनिक अवकाश रहेगा. इस दिन: सभी सरकारी कार्यालय बैंक विद्यालय और कॉलेज पूरी तरह बंद रहेंगे. यह अवकाश न सिर्फ शिक्षा विभाग बल्कि बैंक यूनियन और जिला प्रशासन द्वारा भी स्वीकृत है.

भीषण गर्मी के चलते बढ़ी छुट्टियों की जरूरत

उत्तर प्रदेश में इस समय तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार जा चुका है. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में लू के तेज थपेड़े चल रहे हैं. इस कारण छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह अवकाश घोषित किया गया है.
मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों में तापमान और बढ़ने की चेतावनी दी है. साथ ही कुछ जिलों में आंधी-तूफान और हल्की बारिश की संभावना भी जताई गई है.

छात्र और अभिभावक क्या करें इस अवकाश में?

गर्मी की छुट्टियों का यह समय पढ़ाई और विश्राम का संतुलन बनाने का है. इस दौरान:

छात्रों को घर में रहकर पढ़ाई और रचनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहिए.

अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को धूप में बाहर भेजने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें.

बच्चों को हाइड्रेटेड रखने और संतुलित खानपान देने की सलाह दी जाती है.

साथ ही, इस समय का उपयोग पिछले सत्र की रिवीजन और नई चीज़ें सीखने में भी किया जा सकता है.

NCTE ने बीएड धारकों के लिए ब्रिज कोर्स की अधिसूचना की जारी, इन शिक्षकों के लिए अनिवार्य

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने सुप्रीम कोर्ट के आठ अप्रैल 2024 के निर्णय के अनुपालन में बीएड योग्यताधारी प्राथमिक शिक्षकों के लिए छह महीने के ब्रिज कोर्स की अधिसूचना जारी कर दी है।



 यह ब्रिज कोर्स उन बीएडधारकों के लिए अनिवार्य होगा, जिन्हें 28 जून 2018 के बाद प्राथमिक स्तर पर नियुक्ति मिली है। एनसीटीई ने सात अप्रैल की अपनी अधिसूचना में साफ किया है कि यह कोर्स केवल उन्हीं शिक्षकों के लिए होगा जो 28 जून 2018 के बाद और 11 अगस्त 2023 से पहले नियोजित हुए हैं।

कोर्स का आयोजन एनआईओएस की ओर से किया जाएगा और इसकी निगरानी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन होगी। ऐसे शिक्षकों को एनआईओएस के पाठ्यक्रम शुरू करने के एक साल के अंदर कोर्स करना होगा। इन शिक्षकों को केवल एक अवसर ही मिलेगा और यदि वे पास नहीं होते तो नौकरी सुरक्षित नहीं होगी।

 शिक्षक भर्ती मामलों के जानकार राहुल पांडेय ने बताया कि हमारा प्रयास सफल रहा। यह जीत केवल शिक्षक समुदाय की एकजुटता की नहीं, बल्कि सत्य और न्याय के पक्ष में खड़े रहने की है।

इस निर्णय से उन हजारों शिक्षकों को राहत मिली है। अब उन्हें केवल ब्रिज कोर्स पूरा कर अपनी सेवाएं जारी रखने का अवसर मिलेगा। इस अधिसूचना से उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में चयनित बीएड डिग्रीधारी हजारों शिक्षकों को भी राहत मिली है।

UP Teachers Good News : शिक्षकों की नौकरी पहले से अधिक सुरक्षित, शिक्षक सेवा संबंधी नियमावली में आवश्यक बदलाव

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की नौकरी पहले से अधिक सुरक्षित हो गई है। शिक्षक सेवा संबंधी नियमावली में आवश्यक बदलाव किए जाने हैं, जिसे दो माह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। अब किसी भी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग से अनुमति लेनी होगी।


नियमावली में होगा बदलाव
विधान परिषद में कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत इस मुद्दे को ध्रुव त्रिपाठी ने उठाया और बताया कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम-1982 के रद्द होने के बाद शिक्षकों की सेवा शर्तों को नए आयोग की अधिकार सीमा से बाहर रखा गया है। इससे शिक्षकों को समय पर प्रमोशन नहीं मिल पा रहा और प्रबंधन द्वारा अपने स्तर पर निलंबन व सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने मांग की कि रद्द किए गए अधिनियम-1982 की धारा 21 में वर्णित सेवा शर्तों को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अधीन लाया जाएl इस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 उच्च सदन से पास हो चुका है, और इस विषय पर पहले ही चर्चा होनी चाहिए थी।

अन्य मुद्दे भी 
1. उन्नाव के महाविद्यालय का अधूरा भवन
निर्दल समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल ने उन्नाव के एक महाविद्यालय के भवन का निर्माण 12 साल से अधूरा होने का मुद्दा उठाया। इस पर सभापति ने सरकार को जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।

2. विश्वविद्यालयों के वेतन मद में अनुदान बढ़ाने की मांग
ध्रुव त्रिपाठी ने राज्य विश्वविद्यालयों में वेतन मद में मिलने वाले अनुदान में वृद्धि का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से एनपीएस का राज्यांश भी नहीं दिया जा रहा है। इस पर मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान में फ्रीज राशि से अधिक की मांग आने पर मामला व्यय वित्त समिति को भेजा जाता है ।

अब CTET और TET की जरूरत नहीं, B.Ed डिग्रीधारकों के लिए बड़ी राहत!

अगर आप B.Ed डिग्री धारक हैं और शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। हाल ही में सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है जो लाखों B.Ed डिग्रीधारकों के लिए राहत लेकर आया है। अब CTET (Central Teacher Eligibility Test) और TET (Teacher Eligibility Test) पास करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। यह कदम उन उम्मीदवारों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है जो पहले इन परीक्षाओं को पास करने में कठिनाई महसूस करते थे।


इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाना और योग्य उम्मीदवारों को अधिक अवसर प्रदान करना है। इस नए नियम से न केवल समय की बचत होगी बल्कि शिक्षण क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता भी आएगी। आइए, इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि यह नया अपडेट क्या है और इसका B.Ed डिग्रीधारकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

B.Ed डिग्रीधारकों के लिए नया अपडेट

सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि अब B.Ed डिग्री वाले उम्मीदवारों को सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए CTET या TET पास करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय खासतौर पर उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा जहां शिक्षक भर्ती के लिए CTET या TET अनिवार्य था।

इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योग्य उम्मीदवार बिना किसी अतिरिक्त बाधा के शिक्षक बन सकें। यह कदम शिक्षण क्षेत्र में योग्य और कुशल शिक्षकों की कमी को पूरा करने में मदद करेगा।

योजना का संक्षिप्त विवरण

विशेषताविवरण योजना का नामCTET और TET की अनिवार्यता समाप्तलागू होने का क्षेत्रसभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशलाभार्थीB.Ed डिग्रीधारकमुख्य उद्देश्यशिक्षक भर्ती प्रक्रिया को सरल बनानालागू तिथिहाल ही में घोषितपरीक्षा की आवश्यकताCTET/TET अब अनिवार्य नहींसंबंधित विभागशिक्षा मंत्रालय

CTET और TET क्या हैं?

CTET (Central Teacher Eligibility Test) और TET (Teacher Eligibility Test) वे परीक्षाएं हैं जो शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य मानी जाती थीं। इन परीक्षाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि शिक्षण क्षेत्र में केवल योग्य उम्मीदवार ही प्रवेश करें।

CTET: यह परीक्षा केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, और अन्य केंद्रीय सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए होती थी।


TET: यह राज्य स्तर पर आयोजित होती थी और राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आवश्यक थी।


हालांकि, इन परीक्षाओं को पास करना कई उम्मीदवारों के लिए चुनौतीपूर्ण होता था। इसी वजह से सरकार ने अब B.Ed डिग्रीधारकों को इनसे छूट देने का फैसला किया है।

इस फैसले से कौन होगा लाभान्वित?

यह नया नियम खासतौर पर उन उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद होगा जो:

पहले से B.Ed डिग्री धारक हैं।

बार-बार CTET या TET परीक्षा में असफल हो रहे थे।

शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे लेकिन इन परीक्षाओं की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे।


अब ये उम्मीदवार बिना किसी अतिरिक्त परीक्षा के सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

नए नियम से क्या होंगे फायदे?

सरकार द्वारा इस निर्णय को लागू करने से कई फायदे होंगे:

समय की बचत: अब उम्मीदवारों को CTET या TET जैसी परीक्षाओं की तैयारी में समय नहीं लगाना पड़ेगा।

आर्थिक बचत: इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग या अन्य संसाधनों पर खर्च कम होगा।

भर्ती प्रक्रिया तेज होगी: शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अधिक सरल और तेज हो जाएगी।

योग्यता पर जोर: अब केवल B.Ed डिग्री धारकों की योग्यता को प्राथमिकता दी जाएगी।

क्या यह सभी राज्यों में लागू होगा?

यह नियम पूरे देश में लागू किया जाएगा, लेकिन राज्यों को इसे अपने स्तर पर लागू करने का अधिकार होगा। कुछ राज्य अभी भी अपनी विशेष परिस्थितियों के अनुसार CTET या TET को जारी रख सकते हैं। इसलिए उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

क्या इस फैसले से कोई नुकसान भी हो सकता है?

हालांकि यह निर्णय अधिकांश उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद है, लेकिन कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे शिक्षण क्षेत्र की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। CTET और TET जैसी परीक्षाएं शिक्षकों की योग्यता जांचने का एक मानक थीं। इनके हटने से कुछ जगहों पर अयोग्य उम्मीदवार भी भर्ती हो सकते हैं।

इस बदलाव का उद्देश्य

सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि:

योग्य शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सके।

भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके।

अधिक से अधिक उम्मीदवारों को अवसर प्रदान किया जा सके।

क्या आप अभी भी CTET/TET दे सकते हैं?

अगर आप चाहें तो आप अभी भी CTET या TET परीक्षा दे सकते हैं क्योंकि कुछ निजी स्कूल या राज्य सरकारें इसे मान्यता दे सकती हैं। हालांकि, सरकारी स्कूलों में B.Ed डिग्री धारकों के लिए इसकी आवश्यकता अब नहीं होगी।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय निश्चित रूप से लाखों B.Ed डिग्रीधारकों के लिए राहत लेकर आया है। इससे न केवल उनकी शिक्षक बनने की राह आसान होगी बल्कि शिक्षा क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार भी होगा। 

हालांकि, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उसी अनुसार आवेदन करें।

Kendriya Vidyalaya Teacher : केंद्रीय एवं नवोदय विद्यालय में शिक्षकों की होगी नई भर्ती, यहाँ देखें

केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति दोनों भारत सरकार द्वारा संचालित प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान है जो स्कूली शिक्षा के क्षेत्र मे...